नवीन स्नान कुंडों का निर्माण

मंदिर परिसर में वर्तमान में दो स्नान कुंड निर्मित हैं। जिसमें अनवरत रूप से गुप्त गंगा से लगातार पानी आ रहा है। यह मान्यता है कि उक्त स्नान कुडों में स्नान करने से किसी भी प्रकार की त्वचा रोग का निवारण हो जाता है। वर्तमान में पर्व के दिवसों में अत्यधिक भीड-भाड होने के कारण स्नान कुंडों में स्नान करना सम्भव नहीं होता है। इसलिए यह विचार किया गया है कि मंदिर के उत्तरी दिशा में लगभग 1000 मीटर पश्चात् दो वृहद स्नान कुंड, महिला एवं पुरूषों के लिए बनाया जाना है। वर्तमान स्नान कुंड में आ रहा जल पाइप लाइन के माध्यम से नवीन स्नान कुंडों तक ले जाया जावेगा। नवीन स्नान कुंडों के आस-पास उतरे हुए कपडों को फेंकने के लिए, कपडे बदलने के लिए तथा अन्य सुविधाएं भी विकसित करने की योजना है। उक्त स्नान कुंड प्रस्तावित शनि परिक्रमा के भी समीप ही होगें।

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