पितृ वन

सम्पूर्ण ऐंती पर्वत के बड़े हिस्से में पितृवन का विकास किया जाना प्रभावित है। जिसमे कोई भी व्यक्ति अपने पूर्वजो की याद में वृक्ष लगा सकेंगे तथा उसके संरक्षण का संग्ला ले सकतें है। उक्त पितृ वन में सम्पूर्ण राशियों, नक्षत्रों के वृक्षों के साथ-साथ आयुर्वेद औषधियों के रूप में प्रयोग होने वाली वनस्पतियों। वृक्षों का भी रोपण किया जावेगा।

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